CURRENT GK-2018
हाल ही में, पाकिस्तान के बाबर आजम ने टी-20 में सबसे तेज 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 26 मैच की 26वीं पारी में अपने 1000 रन पूरे किए। बता दे की बाबर से पहले टी-20 में सबसे तेज 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के नाम था। विराट ने 29 मैच की 27वीं पारी में अपने 1000 रन पूरे किए थे। बाबर ने रविवार को दुबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 में 58 गेंद में 79 रन बनाए। पाकिस्तान की बल्लेबाजी के दौरान 12वें ओवर की चौथी गेंद पर बाबर ने 1000 रन के आंकड़े को छुआ। उन्होंने जैसे ही लॉकी फर्ग्युसन की गेंद को पॉइंट की ओर खेलकर एक रन लिया। वे टी-20 में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए।
हाल ही में, भारत एवं जापान के प्रतिनिधियों के मध्य 1,817 करोड़ रुपये का पनबिजली समझौता हस्ताक्षरित किया गया। यह समझौता तुरगा पनबिजली परियोजना के लिए किया गया। इस परियोजना के तहत तुरगा पंपडस्टोरेज पनबिजली परियोजना का निर्माण किया जायेगा। यह आशा की जा रही है कि तुरगा पनबिजली परियोजना के पूरा के होने के बाद पश्चिम बंगाल में औद्योगिक विकास तथा जीवन-यापन स्तर में सुधार देखने को मिल सकता है। तुरगा पनबिजली परियोजना समझौते पर भारत सरकार की ओर से केन्द्रीय वित्त मंत्रालय तथा जापान की ओर से जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के मुख्य प्रतिनिधि कात्सुओ मात्सुमोतो ने हस्ताक्षर किये।
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 02 नवम्बर 2018 को जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय रस्तोगी को सुप्रीम कोर्ट के जज के पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति ने सबसे कम समय में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार करते हुए जजों की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति का आदेश पारित किया है। इन चारों जजों की नियुक्तियां उनके पद ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होंगी। बता दे की चार नए जजों के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 28 हो गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल मंजूर पद 31 हैं, जिसमें अभी भी तीन पद खाली रह गए हैं।
हाल ही में, हिमाचल प्रदेश में सुरंग के अंदर रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा जो देश में इस तरह का पहला स्टेशन होगा। हिमाचल प्रदेश के केलांग में बनने वाला यह स्टेशन समुद्र तल से तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर होगा। यह चीन और भारत सीमा के लिहाज से रणनीतिक महत्व के भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेलमार्ग का हिस्सा है। कोलकाता एवं दिल्ली में कई ऐसे मेट्रो स्टेशन हैं जो जमीन के अंदर बने हैं, लेकिन देश में जल्द ही अब एक रेलवे स्टेशन भी ऐसा होगा जो सुरंग के भीतर बनाया जाएगा।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार परियोजना की लागत 83,360 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस रेलमार्ग के लिए अंतिम सर्वेक्षण 30 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। केलांग, हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले का प्रशासनिक केंद्र है। यह मनाली से 26 किलोमीटर और भारत-तिब्बत सीमा से 120 किलोमीटर दूर है। यह स्टेशन लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर होगा और अंदर 27 किलोमीटर लंबी सुरंग का हिस्सा होगा। इस मार्ग पर 74 सुरंग बननी हैं। साथ ही 124 बड़े पुल और 396 छोटे पुलों का भी निर्माण किया जाना है।
हाल ही में, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने घोषणा की है कि पटना में डॉल्फिन रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी। यह एशिया का पहला डॉल्फिन रिसर्च सेंटर होगा जिसे इतने बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है। लगभग 28 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र का निर्माणकार्य जल्द ही शुरू किया जायेगा। पटना विश्वविद्यालय परिसर में दो एकड़ भूखंड पर इस केंद्र का निर्माण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त मुंगेर में एक “ऑब्जरबेटरी” का निर्माण कराया जा रहा है, जहां से डॉल्फिनों को देखा जा सकेगा। गंगा नदी में जाकर डॉल्फिन देखने की व्यवस्था जल्द कराई जाएगी।
हाल ही में, पाकिस्तान के बाबर आजम ने टी-20 में सबसे तेज 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 26 मैच की 26वीं पारी में अपने 1000 रन पूरे किए। बता दे की बाबर से पहले टी-20 में सबसे तेज 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के नाम था। विराट ने 29 मैच की 27वीं पारी में अपने 1000 रन पूरे किए थे। बाबर ने रविवार को दुबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 में 58 गेंद में 79 रन बनाए। पाकिस्तान की बल्लेबाजी के दौरान 12वें ओवर की चौथी गेंद पर बाबर ने 1000 रन के आंकड़े को छुआ। उन्होंने जैसे ही लॉकी फर्ग्युसन की गेंद को पॉइंट की ओर खेलकर एक रन लिया। वे टी-20 में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए।
हाल ही में, भारत एवं जापान के प्रतिनिधियों के मध्य 1,817 करोड़ रुपये का पनबिजली समझौता हस्ताक्षरित किया गया। यह समझौता तुरगा पनबिजली परियोजना के लिए किया गया। इस परियोजना के तहत तुरगा पंपडस्टोरेज पनबिजली परियोजना का निर्माण किया जायेगा। यह आशा की जा रही है कि तुरगा पनबिजली परियोजना के पूरा के होने के बाद पश्चिम बंगाल में औद्योगिक विकास तथा जीवन-यापन स्तर में सुधार देखने को मिल सकता है। तुरगा पनबिजली परियोजना समझौते पर भारत सरकार की ओर से केन्द्रीय वित्त मंत्रालय तथा जापान की ओर से जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के मुख्य प्रतिनिधि कात्सुओ मात्सुमोतो ने हस्ताक्षर किये।
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 02 नवम्बर 2018 को जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय रस्तोगी को सुप्रीम कोर्ट के जज के पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति ने सबसे कम समय में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार करते हुए जजों की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति का आदेश पारित किया है। इन चारों जजों की नियुक्तियां उनके पद ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होंगी। बता दे की चार नए जजों के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 28 हो गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल मंजूर पद 31 हैं, जिसमें अभी भी तीन पद खाली रह गए हैं।
हाल ही में, हिमाचल प्रदेश में सुरंग के अंदर रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा जो देश में इस तरह का पहला स्टेशन होगा। हिमाचल प्रदेश के केलांग में बनने वाला यह स्टेशन समुद्र तल से तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर होगा। यह चीन और भारत सीमा के लिहाज से रणनीतिक महत्व के भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेलमार्ग का हिस्सा है। कोलकाता एवं दिल्ली में कई ऐसे मेट्रो स्टेशन हैं जो जमीन के अंदर बने हैं, लेकिन देश में जल्द ही अब एक रेलवे स्टेशन भी ऐसा होगा जो सुरंग के भीतर बनाया जाएगा।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार परियोजना की लागत 83,360 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस रेलमार्ग के लिए अंतिम सर्वेक्षण 30 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। केलांग, हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले का प्रशासनिक केंद्र है। यह मनाली से 26 किलोमीटर और भारत-तिब्बत सीमा से 120 किलोमीटर दूर है। यह स्टेशन लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर होगा और अंदर 27 किलोमीटर लंबी सुरंग का हिस्सा होगा। इस मार्ग पर 74 सुरंग बननी हैं। साथ ही 124 बड़े पुल और 396 छोटे पुलों का भी निर्माण किया जाना है।
हाल ही में, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने घोषणा की है कि पटना में डॉल्फिन रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी। यह एशिया का पहला डॉल्फिन रिसर्च सेंटर होगा जिसे इतने बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है। लगभग 28 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र का निर्माणकार्य जल्द ही शुरू किया जायेगा। पटना विश्वविद्यालय परिसर में दो एकड़ भूखंड पर इस केंद्र का निर्माण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त मुंगेर में एक “ऑब्जरबेटरी” का निर्माण कराया जा रहा है, जहां से डॉल्फिनों को देखा जा सकेगा। गंगा नदी में जाकर डॉल्फिन देखने की व्यवस्था जल्द कराई जाएगी।
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